अपनी ऑनलाइन 🌏 दुनिया को बनाए सुरक्षित
अगर आप अपने डिवाइस, आईडेंटिटी और एक्टिविटीज को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो कुछ खास उपाय करने होंगे।👇
Use this tips for Online Security
जब भी विकल्प मिले, पासकोड्स काम में लें
जब भी पासकोड लॉक हो, इसे अप्लाई करें। स्मार्टफोन में मौजूद पर्सनल डाटा और कनेक्शन के बारे में विचार करें। बिना पासकोड लॉक के फोन काम में लेने के बारे में सोचा नहीं जा सकता। कई स्मार्टफोन्स बाई-डिफॉल्ट 4 डिजिट का पिन ऑफर करते हैं। सिर्फ इससे संतुष्ट ना हों। उपलब्ध हो तो बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन काम में लें और एक मजबूत पासपोर्ट सेट करें।
अलग अकाउंट के लिए अलग ईमेल ऐड्रेस काम में ले
जो लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सचेत हैं, वे अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अलग-अलग ईमेल आईडी काम में लेते हैं। यदि किसी सोशल मीडिया के लिए काम में आने वाले ईमेल पर कोई फिशिंग ईमेल आपके बैंक अकाउंट से आने का दावा करता है तो आप तुरंत समझ जाते हैं कि यह नकली है।
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन काम में लें
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन परेशानी भरा हो सकता है, पर यह अकाउंट्स को सुरक्षित बना देता है। यह पहचान को कम से कम दो अलग-अलग तरीके से पता करता है। जो कुछ आप हैं, जो कुछ आपके पास है या जो कुछ आप जानते हैं, उसके आधार पर पहचान की जाती है। जीमेल, एवरनोट और ड्रॉपबॉक्स जैसी ऑनलाइन सर्विस टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑफर करती है।
ब्राउजर्स में ‘सेव पासवर्ड‘ फीचर टर्न ऑफ कर दें
ज्यादातर ब्राउजर्स में एक बिल्ट-इन पासवर्ड मैनेजमेंट सोल्यूशन होता है पर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स इसका सुझाव नहीं देते। पासवड्र्स एक सिंगल, सेंट्रल पासवर्ड मैनेजर में रखते हैं तो उन्हें सभी ब्राउजर्स और डिवाइसेज पर काम में ले सकते हैं।
सोशल मीडिया प्राइवेसी को प्रोटेक्ट करें
आप शेयरिंग प्लेटफॉम्र्स को डिसेबल करके वहां जाने वाले अपने डेटा को कम कर सकते हैं। आप अन्य वेबसाइट्स को लॉगइन करने के लिए भी फेसबुक काम में नहीं ले पाएंगे। आप गूगल प्राइवेसी को भी मैनेज करें।
क्लिकबैट के जाल में न फंसे
अगर ऑनलाइन लाइफ को सिक्योर बनाना है तो इंटरनेट पर जिस भी चीज पर क्लिक करने वाले हैं, उसे लेकर स्मार्ट बनें। किसी मजेदार वीडियो या कैची हेड लाइन पर क्लिक करने से पहले विचार कर लें। ई-मेल में लिंक मिल सकते हैं, सोशल मीडिया और मैसेंजिंग एप्स में भी इस तरह के ऑफर मिल सकते हैं। इन से सावधान रहें।
कैश फाइल्स क्लीयर करें
ब्राउजर की कैश फाइल्स आपके बारे में काफी कुछ जानती हैं। सेव्ड कुकीज, सेव्ड सर्चेज और वेब हिस्ट्री घर का पता, परिवार की जानकारी और अन्य निजी डाटा के बारे में बता सकती है। ब्राउजिंग कुकीज और ब्राउजिंग हिस्ट्री को नियमित रूप से साफ करने की आदत डाल लें।
स्मार्टफोन से भुगतान करें
यदि आपको पुराने क्रेडिट कार्ड को काम में लेने के बजाय एप्पल पे या एंड्राॅइड में इसी तरह का फोन आधारित भुगतान जैसे- पेटीएम, फ्रीचार्ज, मोबिक्विक और फोन पे करते हैं तो आपको आसानी रहती है। आप इसे कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं। स्मार्ट फोन एप से भुगतान करने पर आपके डाटा की चोरी की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
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